उत्तराखंड पौड़ी पहाड़ टूटा और हिमाचल के मंडी में बादल फटा। भारी बारिश से घर-गाड़ियां बहीं। सैकड़ों लोग बेघर, कई लापता। राष्ट्रीय राजमार्ग बंद। NDRF-SDRF रेस्क्यू ऑपरेशन जारी।
Table of Contents
- उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटने की घटना
- हिमाचल मंडी में बादल फटने से तबाही
- घर-गाड़ियां बहने का भयानक मंजर
- उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा रेस्क्यू अभियान
- मौसम विभाग की चेतावनी और अलर्ट
- सड़कें बंद और परिवहन व्यवस्था
- सरकारी सहायता और राहत कार्य
उत्तराखंड पौड़ी पहाड़ टूटने की घटना {#pauri-landslide-incident}
Latest Disaster Updates: Mountain disaster news
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा की भयानक घटना ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी है। कोटद्वार-पौड़ी NH पर चंद सेकेंड में गिरा पहाड़, बारिश की आफत में जानें 13 जिलों का हाल की स्थिति से पता चलता है कि यह एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है।
उत्तराखंड सरकार आपदा प्रबंधन के अनुसार, उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा की घटना मानसूनी बारिश के कारण हुई है। पौड़ी जिले में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
Weather Disaster Updates – कोटद्वार में नेशनल हाईवे पर गुमखाल-सतपुली के बीच भूस्खलन की घटना से पूरा क्षेत्र प्रभावित हुआ है। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति गंभीर हो गई है।
भूस्खलन की भयावहता
तत्काल प्रभाव: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से तुरंत सड़क परिवहन बाधित हो गया है। इस घटना को लेकर अफरातफरी मच गई. इस भूस्खलन की तस्वीरें डराने वाली हैं।
क्षेत्रीय प्रभाव: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षेत्र भूस्खलन के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। चमोली जिले का एक खास इलाका लैंडस्लाइड के लिहाज से बेहद खतरनाक है।
जनहानि का खतरा: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से स्थानीय निवासियों के लिए जीवन-मृत्यु का संकट खड़ा हो गया है। Emergency Response Updates के अनुसार सभी संभावित प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकाला जा रहा है।
हिमाचल मंडी में बादल फटने से तबाही {#himachal-mandi-cloudburst}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी प्रकृति का कहर बरपा है। मंडी के करसोग इलाके में कई जगहों पर बादल फटे हैं, जिसके चलते 7 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि एक शव बरामद किया गया है।
मंडी में विनाश का मंजर
बादल फटने का प्रभाव: हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी के इलाके में में बादल फटने से बड़ी तबाही मची है। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा की तरह यहां भी भारी नुकसान हुआ है।
जनहानि की स्थिति: हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन के अनुसार, मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई और करीब 12 लोग लापता हो गए।
स्कूल-कॉलेज बंद: बारिश के चलते जिले में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। चंडीगढ़ मनाली हाईवे भी बंद कर दिया गया है। Himachal Weather Crisis की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
धर्मशाला में मजदूरों की स्थिति
मजदूर लापता: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा के अलावा, धर्मशाला में भी हालात भयावह हो गए हैं। जिले के खनियारा मनूनी खड्ड का जलस्तर बुधवार को अचानक बढ़ गया।
पावर प्रोजेक्ट प्रभावित: इंदिरा प्रियदर्शनी जल विद्युत परियोजना के काम में मनूनी में जुटे 100 मजदूरों में से करीब 25 मजबूत बह गए हैं। यह स्थिति उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा जितनी ही गंभीर है।
घर-गाड़ियां बहने का भयानक मंजर {#houses-vehicles-swept-away}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के साथ-साथ दोनों राज्यों में घर-गाड़ियों के बहने की घटनाएं सामने आई हैं। करीब 2 दर्जन मकान एवं कई गाड़ियों के भी बहने की सूचना है।
संपत्ति का नुकसान
आवासीय क्षति: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल भवन और औषधालय भी बाढ़ में बहे। शिमला जिला के गानवी और कुल्लू जिला के बागीपुल बाजार में साथ में बहती खड्ड ने भी तबाही मचाई।
वाहनों की हानि: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के अलावा हिमाचल में भी वाहनों को भारी नुकसान हुआ है। बागी के सरकारी स्कूल में भी पानी भर गया है। बाढ़ से सारी सड़क बंद हो गईं हैं. चंबा के विद्यार्थियों की एक बस और काफी वाहन फंस गए हैं।
कृषि हानि: Mountain Agriculture Updates के अनुसार, उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से कृषि भूमि भी प्रभावित हुई है।
बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
पुल और सड़कें: कई घर, एक स्कूल भवन, संपर्क सड़कें और छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से समूचा बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ है।
विद्युत व्यवस्था: Power Infrastructure Damage – सैलाब से मलाणा प्रोजेक्ट डैम दो को भी नुकसान पहुंचा है। विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।
दूरसंचार सेवाएं: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
उत्तराखंड पौड़ी पहाड़ टूटा रेस्क्यू अभियान {#rescue-operations-progress}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 2 टीम और होमगार्ड की एक टीम को घटनास्थल पर तैनात किया गया है तथा बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को भी बुलाया गया है।
रेस्क्यू टीमों की तैनाती
NDRF-SDRF की भूमिका: राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की विशेष टीमें उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद तुरंत घटनास्थल पर पहुंची हैं। NDRF, SDRF और आईटीबीपी रेस्क्यू अभियान चला रहा है।
खोज अभियान: तलाश और बचाव अभियान प्राथमिकता है। लापता लोगों में से कुछ हिमाचल प्रदेश के नूरपुर और चंबा इलाकों से हैं तथा कुछ उत्तरप्रदेश से हैं।
हेलीकॉप्टर सेवा: Indian Air Force Rescue – वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का उपयोग दुर्गम क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए किया जा रहा है।
चिकित्सा सहायता
मेडिकल टीमें: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। घायलों का तत्काल इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल तैयारी: प्रभावित क्षेत्र के आसपास के अस्पतालों में आपातकालीन व्यवस्था की गई है। Emergency Medical Response के तहत सभी जरूरी दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी और अलर्ट {#weather-warnings-alerts}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद मौसम विभाग ने और भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने 30 जून तक उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है।
रेड अलर्ट की स्थिति
मौसम पूर्वानुमान: भारतीय मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद और भी खराब मौसम की संभावना जताई है। उत्तरकाशी में सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना में 9 लोग हताहत हो गए थे जिसमें दो शव मिल गए. 7 लोग अभी भी लापता हैं।
हिमाचल में अलर्ट: आज भी मंडी में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। Weather Alert System के तहत निरंतर निगरानी की जा रही है।
नदियों का जल स्तर: पंडोह बांध से 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके कारण पंडोह बाजार में जलभराव के कारण बीती रात भगदड़ जैसी स्थिति हो गई।
सुरक्षा निर्देश
जनता के लिए सलाह: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। लैंडस्लाइड और चट्टानों के गिरने के कारण पर्यटकों समेत लोगों को पहाड़ों से सटी सड़कों पर ना जाने की सलाह दी गई है।
यात्रा प्रतिबंध: Tourism Advisory Updates के अनुसार, सभी पर्वतीय क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
सड़कें बंद और परिवहन व्यवस्था {#roads-blocked-transport}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़, नंदप्रयाग, सोनाला और बैराज कुंज में अवरुद्ध है।
राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति
मुख्य मार्ग बंद: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद से कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच आवाजाही बंद है। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने से यात्री फंस गए हैं।
तीर्थ यात्रा प्रभावित: यमुनोत्री नेशनल हाइवे कई स्थानों पर बंद पड़ा है जिसे खोलने की कवायद जारी है. मार्ग खुलते ही यमुनोत्री की ओर रोके गए तीर्थ यात्रियों को निकाला जायेगा।
हिमाचल की सड़कें: चंडीगढ़ मनाली हाईवे भी बंद कर दिया गया है। यहां कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है।
वैकल्पिक मार्ग
डायवर्जन रूट: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद सकोट-नंदप्रयाग के बीच डायवर्ट किया गया मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। Alternative Route Planning की जा रही है।
रेल सेवा प्रभावित: भारतीय रेल की कुछ सेवाएं भी बाधित हुई हैं क्योंकि रेल ट्रैक पर पानी भर गया है।
सरकारी सहायता और राहत कार्य {#government-relief-assistance}
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फ़ोन पर बात कर राज्य में बादल फटने से हुए उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली।
केंद्रीय सहायता
गृह मंत्री का हस्तक्षेप: गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए NDRF की तैनाती सहित केन्द्र सरकार की तरफ़ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने पर भी समान सहायता प्रदान की जा रही है।
वित्तीय सहायता: प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है।
केंद्रीय बल तैनाती: Central Armed Forces की अतिरिक्त टुकड़ियां राहत कार्य में सहायता के लिए भेजी गई हैं।
राज्य सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री की निगरानी: उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन की बैठकें नियमित रूप से हो रही हैं।
राहत शिविर: प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की गई है।
पुनर्वास योजना: Rehabilitation Planning के तहत दीर्घकालिक पुनर्वास की योजना तैयार की जा रही है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा और हिमाचल के मंडी में बादल फटने की घटनाएं प्राकृतिक आपदाओं की भयावहता को दर्शाती हैं। पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार लैंडस्लाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
दोनों राज्यों में घर-गाड़ियों के बहने और व्यापक तबाही से यह स्पष्ट होता है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा होने जैसी घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में पड़ने वाले इन दो पहाड़ी राज्यों में लैंडस्लाइड के मामले क्यों बढ़ते जा रहे हैं इसकी गहरी जांच की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
Future Disaster Preparedness – उत्तराखंड के पौड़ी में पहाड़ टूटा जैसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपदा प्रबंधन की आवश्यकता है। स्थानीय समुदायों को आपदा के समय क्या करना चाहिए, इसकी नियमित ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और सरकारी एजेंसियां पूरी तत्परता से काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति की निरंतर निगरानी आवश्यक है ताकि और नुकसान से बचा जा सके।