घर में चाहते हैं घर में मां लक्ष्मी का वास Jyeshtha Purnima पर मुख्य द्वार, तुलसी, पूजा घर, रसोई, तिजोरी, आंगन और पीपल वृक्ष पर दीपक जलाएं। यह विशेष दीपदान दरिद्रता दूर कर समृद्धि लाता है। शास्त्रों में वर्णित इस परंपरा से मिलता है आर्थिक स्थिरता का वरदान।
Table of Contents
- परिचय: ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
- मुख्य द्वार पर दीपक का महत्व
- तुलसी के पास दीपदान
- पूजा घर में अखंड ज्योति
- रसोई में दीपक की महिमा
- धन संग्रह स्थान पर दीप
- आंगन और बगीचे में प्रकाश
- पीपल वृक्ष पर दीपदान
- निष्कर्ष
परिचय: ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व {#introduction}
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो Jyeshtha Purnima का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत के साथ-साथ विशेष दीपदान की परंपरा है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सात विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात्रि को दीपदान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यदि आप भी घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास, तो इस पवित्र दिन पर विशेष स्थानों पर दीपक जलाना अत्यंत फलदायी है। ज्योतिष शास्त्र में इसे दरिद्रता नाशक और समृद्धि दायक बताया गया है। जानें पूर्णिमा व्रत के नियम विस्तार से।
मुख्य द्वार पर दीपक का महत्व {#main-door}
प्रवेश द्वार की महत्ता
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो सबसे पहले मुख्य द्वार पर दीपक जलाना अनिवार्य है। मुख्य द्वार को गृह का मुख माना जाता है जहां से सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। Jyeshtha Purnima की रात्रि में यहां दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
दीपक स्थापना विधि
मुख्य द्वार दीपक स्थापना के नियम
विधि | सामग्री | समय | लाभ |
---|---|---|---|
स्थान शुद्धि | गंगाजल | सूर्यास्त से पूर्व | नकारात्मकता दूर |
दीपक प्रकार | मिट्टी का दीया | संध्या काल | पारंपरिक शुभता |
तेल/घी | शुद्ध घी/तिल तेल | पूरी रात | दीर्घकालिक प्रभाव |
बत्ती | कपास की बत्ती | 5 बत्ती | पंचतत्व संतुलन |
दिशा | पूर्व या उत्तर | द्वार के दोनों ओर | शुभ दिशा प्रभाव |
मंत्र और प्रार्थना
वैदिक ग्रंथों के अनुसार दीपक जलाते समय “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र घर में मां लक्ष्मी का वास सुनिश्चित करता है। देखें लक्ष्मी मंत्र संग्रह अधिक विकल्पों के लिए।
तुलसी के पास दीपदान {#tulsi-deepak}
तुलसी का आध्यात्मिक महत्व
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो तुलसी के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया कहा जाता है और Jyeshtha Purnima पर यहां दीपदान से घर में सात्विकता बढ़ती है।
तुलसी दीपदान विधि
तुलसी चौरे पर दीपक जलाने के नियम
क्रम | कार्य | सामग्री | फल |
---|---|---|---|
1 | जल अर्पण | शुद्ध जल | पवित्रता |
2 | चंदन लगाना | चंदन पेस्ट | शीतलता |
3 | पुष्प अर्पण | सफेद/पीले फूल | प्रसन्नता |
4 | दीपक स्थापना | घी का दीया | दिव्य प्रकाश |
5 | परिक्रमा | 7 परिक्रमा | सप्त लोक कल्याण |
विशेष लाभ
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि तुलसी के पास दीपक जलाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। यदि घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास, तो यह अत्यंत प्रभावी उपाय है। जानें तुलसी पूजा के नियम विस्तार से।
पूजा घर में अखंड ज्योति {#pooja-ghar}
पूजा स्थल की पवित्रता
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो पूजा घर में Jyeshtha Purnima पर विशेष दीपक जलाना चाहिए। यह स्थान घर का सबसे पवित्र स्थल होता है जहां देवी-देवताओं का वास होता है।
अखंड ज्योति के नियम
पूजा घर में दीपक जलाने की विधि
तत्व | विवरण | महत्व | सावधानी |
---|---|---|---|
दीपक संख्या | 5 या 7 | शुभ अंक | सम संख्या नहीं |
तेल का प्रकार | शुद्ध घी | सात्विकता | मिलावट रहित |
बत्ती की दिशा | पूर्व/उत्तर | दिव्य ऊर्जा | दक्षिण नहीं |
समय अवधि | पूरी रात | निरंतर कृपा | बुझने न दें |
मंत्र जाप | 108 बार | पूर्ण फल | एकाग्रता से |
आध्यात्मिक प्रभाव
पुराणों के अनुसार पूजा घर में अखंड ज्योति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो यह सर्वोत्तम उपाय है। पढ़ें अखंड ज्योति के चमत्कार के बारे में।
रसोई में दीपक की महिमा {#kitchen-deepak}
अन्नपूर्णा का स्थान
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो रसोई में दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। रसोई को अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है और Jyeshtha Purnima पर यहां दीपदान से अन्न की कमी नहीं होती।
रसोई दीपक स्थापना
रसोई में दीपक जलाने के स्थान
स्थान | कारण | लाभ | विशेष टिप |
---|---|---|---|
चूल्हे के पास | अग्नि तत्व | अन्न वृद्धि | साफ-सफाई |
पानी के पास | जल तत्व | शुद्धता | स्वच्छ बर्तन |
अन्न भंडार | संग्रह स्थल | भंडार पूर्ण | ढक्कन खोलकर |
खिड़की | वायु प्रवाह | ताजगी | धुआं निकास |
मसाला रैक | सुगंध प्रसार | स्वाद वृद्धि | साफ व्यवस्था |
पाक कला में वृद्धि
आयुर्वेद ग्रंथों के अनुसार रसोई में दीपक से भोजन में सात्विकता आती है। घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो अन्न दाता की कृपा आवश्यक है। जानें रसोई वास्तु टिप्स समृद्धि के लिए।
धन संग्रह स्थान पर दीप {#wealth-storage}
तिजोरी और धन स्थान
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो जहां धन संग्रह करते हैं वहां Jyeshtha Purnima पर दीपक जलाना अनिवार्य है। यह स्थान चाहे तिजोरी हो, अलमारी हो या बैंक डॉक्यूमेंट्स का स्थान।
धन वृद्धि के उपाय
धन स्थान पर दीपक जलाने की विधि
सामग्री | मात्रा | उद्देश्य | परिणाम |
---|---|---|---|
चांदी का दीया | 1 | धन आकर्षण | स्थायी समृद्धि |
केसर मिश्रित घी | 50ml | विशेष प्रभाव | तीव्र वृद्धि |
कमल बत्ती | 5 | लक्ष्मी प्रिय | कृपा प्राप्ति |
गुग्गुल धूप | 2 | नकारात्मकता नाश | सुरक्षा |
श्रीयंत्र | 1 | ऊर्जा केंद्र | शक्ति संचय |
आर्थिक स्थिरता
वास्तु शास्त्र के अनुसार धन स्थान पर दीपक से आर्थिक स्थिरता आती है। घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो यह उपाय अचूक है। पढ़ें धन प्राप्ति के उपाय अधिक जानकारी के लिए।
आंगन और बगीचे में प्रकाश {#courtyard-garden}
खुले स्थान का महत्व
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो आंगन या बगीचे में भी Jyeshtha Purnima पर दीपक जलाना शुभ है। खुले स्थान में दीपदान से प्रकृति की कृपा मिलती है।
बाहरी दीपक व्यवस्था
आंगन/बगीचे में दीपक स्थापना
स्थान | दीपक संख्या | दिशा | विशेष लाभ |
---|---|---|---|
मुख्य आंगन | 11 | चारों कोने | वास्तु शुद्धि |
बगीचा | 21 | वृक्षों के पास | प्राकृतिक ऊर्जा |
छत | 7 | परिधि पर | आकाशीय कृपा |
बालकनी | 5 | बाहर की ओर | नकारात्मकता रोधक |
गेट | 2 | दोनों ओर | सुरक्षा कवच |
प्राकृतिक संतुलन
पर्यावरण शास्त्र के अनुसार बाहरी दीपक से कीट नियंत्रण भी होता है। घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो प्रकृति से तालमेल आवश्यक है। जानें गार्डन वास्तु के नियम।
पीपल वृक्ष पर दीपदान {#peepal-tree}
पीपल की महिमा
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो Jyeshtha Purnima पर पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाना अत्यंत फलदायी है। पीपल को देवताओं का वास स्थल माना जाता है।
पीपल दीपदान विधि
पीपल वृक्ष दीपदान के नियम
समय | विधि | मंत्र | फल |
---|---|---|---|
संध्याकाल | जल अर्पण | ॐ वृक्षराजाय नमः | आयु वृद्धि |
रात्रि प्रथम प्रहर | 7 दीपक | ॐ विष्णवे नमः | विष्णु कृपा |
मध्य रात्रि | 11 दीपक | ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः | धन प्राप्ति |
ब्रह्म मुहूर्त | 5 दीपक | ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः | मोक्ष मार्ग |
सामाजिक लाभ
सामाजिक शास्त्र के अनुसार सार्वजनिक स्थान पर दीपदान से समाज कल्याण होता है। घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो परोपकार भी आवश्यक है। पढ़ें पीपल पूजा के फायदे विस्तार से।
निष्कर्ष {#conclusion}
घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास तो Jyeshtha Purnima के दिन इन सात स्थानों पर दीपक जलाना अत्यंत प्रभावी उपाय है। मुख्य द्वार से लेकर पीपल वृक्ष तक, प्रत्येक स्थान का अपना विशेष महत्व है। यह प्राचीन परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी है।
दीपक का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है। Jyeshtha Purnima की विशेष ऊर्जा इस दीपदान को और भी प्रभावी बनाती है। यदि आप वास्तव में घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास, तो श्रद्धा और विश्वास के साथ इस परंपरा का पालन करें। नियमित रूप से इन स्थानों पर दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का स्थायी वास होता है। मां लक्ष्मी की कृपा से आपका घर धन-धान्य से पूर्ण रहे और परिवार में सदैव मंगल हो।