सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM मिलने जा रहा है जो मूविंग टारगेट को सटीक निशाना बनाने में सक्षम है। DRDO द्वारा विकसित इस स्वदेशी सिस्टम की 3 रेजिमेंट ₹30 हजार करोड़ में खरीदी जाएंगी। 30 किमी रेंज और 360 डिग्री कवरेज इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं।
Table of Contents
- सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की जरूरत
- QRSAM की तकनीकी विशेषताएं
- मूविंग टारगेट को तबाह करने की क्षमता
- DRDO की स्वदेशी तकनीक
- ₹30 हजार करोड़ का रक्षा सौदा
- तीन रेजिमेंट की तैनाती योजना
- भविष्य की रक्षा तैयारियां
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की जरूरत {#qrsam-need}
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM (Quick Reaction Surface-to-Air Missile) की आवश्यकता आधुनिक युद्ध के बदलते स्वरूप को देखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में ड्रोन, क्रूज मिसाइल, और लो-फ्लाइंग एयरक्राफ्ट से बढ़ते खतरों ने एक उन्नत वायु रक्षा प्रणाली की मांग को अनिवार्य बना दिया है।
भारतीय सेना के वर्तमान एयर डिफेंस सिस्टम में कई पुरानी प्रणालियां शामिल हैं जो आधुनिक खतरों से निपटने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं हैं। सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM मिलने से यह कमी पूरी होगी। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, यह सिस्टम सेना की परिचालन क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य क्षमताओं को देखते हुए सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की तत्काल आवश्यकता है। यह सिस्टम न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक संस्थानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
QRSAM की तकनीकी विशेषताएं {#technical-features}
उन्नत तकनीकी क्षमताएं
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM अत्याधुनिक तकनीक से लैस है:
मुख्य विशेषताएं:
पैरामीटर | विवरण | क्षमता |
---|---|---|
रेंज | अधिकतम दूरी | 30 किलोमीटर |
ऊंचाई | टारगेट ऊंचाई | 15 किलोमीटर |
गति | मिसाइल स्पीड | मैक 2+ |
रिएक्शन टाइम | लॉन्च तैयारी | 15 सेकंड |
कवरेज | निगरानी क्षेत्र | 360 डिग्री |
सेंसर और रडार सिस्टम
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM में शामिल उन्नत सेंसर:
- 3D सर्विलांस रडार
- फायर कंट्रोल रडार
- ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम
- IFF (Identification Friend or Foe) सिस्टम
- इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेजर्स
मूविंग टारगेट को तबाह करने की क्षमता {#moving-target-capability}
डायनामिक टारगेटिंग सिस्टम
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की सबसे बड़ी खूबी है इसकी मूविंग टारगेट को सटीक निशाना बनाने की क्षमता। यह सिस्टम निम्नलिखित लक्ष्यों को भेद सकता है:
टारगेट प्रकार:
- फाइटर जेट्स (900 किमी/घंटा तक)
- हेलीकॉप्टर (सभी प्रकार)
- ड्रोन और UAV
- क्रूज मिसाइल
- प्रिसिजन गाइडेड मुनिशन
ट्रैकिंग और इंगेजमेंट
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM में एडवांस्ड ट्रैकिंग एल्गोरिदम:
- मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग (6 एक साथ)
- प्रेडिक्टिव पाथ एनालिसिस
- रियल-टाइम कोर्स करेक्शन
- ऑटोमैटिक टारगेट प्रायोरिटाइजेशन
DRDO के तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह सिस्टम 95% से अधिक हिट प्रोबेबिलिटी रखता है।
DRDO की स्वदेशी तकनीक {#drdo-technology}
आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है:
स्वदेशी घटक:
- सॉलिड फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम
- डुअल पल्स रॉकेट मोटर
- एक्टिव रडार सीकर
- डिजिटल ऑटोपायलट
- कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम
- वारहेड और फ्यूज
- लॉन्चर और वाहन
विकास और परीक्षण
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM के विकास में लगे संस्थान:
- DRDO का मिसाइल कॉम्प्लेक्स, हैदराबाद
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट
- रिसर्च सेंटर इमारत
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड
₹30 हजार करोड़ का रक्षा सौदा {#defense-deal}
वित्तीय विवरण
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की खरीद का बजट विश्लेषण:
लागत ब्रेकडाउन:
घटक | लागत (करोड़ ₹) | प्रतिशत |
---|---|---|
मिसाइल सिस्टम | 18,000 | 60% |
सपोर्ट इक्विपमेंट | 6,000 | 20% |
प्रशिक्षण | 2,000 | 6.7% |
रखरखाव | 3,000 | 10% |
अन्य | 1,000 | 3.3% |
आर्थिक प्रभाव
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM से होने वाले लाभ:
- घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा
- 10,000+ प्रत्यक्ष रोजगार
- 50,000+ अप्रत्यक्ष रोजगार
- तकनीकी हस्तांतरण
- निर्यात संभावनाएं
रक्षा अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यह निवेश अगले 10 वर्षों में 3 गुना रिटर्न देगा।
तीन रेजिमेंट की तैनाती योजना {#deployment-plan}
रणनीतिक तैनाती
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM की तैनाती योजना:
रेजिमेंट वितरण:
- पहली रेजिमेंट: पश्चिमी सेक्टर (2025)
- राजस्थान और पंजाब सीमा
- 8 फायरिंग यूनिट
- 200 मिसाइल
- दूसरी रेजिमेंट: उत्तरी सेक्टर (2026)
- लद्दाख और हिमाचल
- 8 फायरिंग यूनिट
- 200 मिसाइल
- तीसरी रेजिमेंट: पूर्वी सेक्टर (2027)
- अरुणाचल और सिक्किम
- 8 फायरिंग यूनिट
- 200 मिसाइल
ऑपरेशनल तैयारी
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM के लिए तैयारी:
- 1,500 कर्मियों का प्रशिक्षण
- सिमुलेटर आधारित ट्रेनिंग
- लाइव फायरिंग एक्सरसाइज
- मेंटेनेंस इंफ्रास्ट्रक्चर
- कमांड एंड कंट्रोल इंटीग्रेशन
भविष्य की रक्षा तैयारियां {#future-defense}
एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा का हिस्सा:
वायु रक्षा स्तर:
- लॉन्ग रेंज: S-400 (400 किमी)
- मीडियम रेंज: बराक-8 (100 किमी)
- शॉर्ट रेंज: QRSAM (30 किमी)
- वेरी शॉर्ट रेंज: VSHORAD (8 किमी)
- पॉइंट डिफेंस: गन सिस्टम
तकनीकी उन्नयन योजना
सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM के भविष्य के अपग्रेड:
- AI आधारित टारगेट रिकग्निशन
- हाइपरसोनिक मिसाइल काउंटर
- नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर इंटीग्रेशन
- एंटी-ड्रोन स्वार्म क्षमता
- लेजर वेपन इंटीग्रेशन
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सेना को नया एयर डिफेंस सिस्टम QRSAM मिलने से भारत की वायु रक्षा क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह न केवल वर्तमान खतरों से निपटने में सक्षम है बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार है।