ऑपरेशन सिंदूर के तहत विदेश से लौटे डेलिगेशन आज PM मोदी से मिलेंगे। 59 सांसदों ने 33 देशों का दौरा कर आतंकवाद पर वैश्विक रुख की जानकारी एकत्र की है। यह भारत की कूटनीतिक पहल का हिस्सा है जो आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए की गई।
Table of Contents
- ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
- 59 सांसदों के डेलिगेशन का गठन
- 33 देशों की यात्रा का विवरण
- आतंकवाद पर वैश्विक रुख
- PM से मुलाकात का एजेंडा
- कूटनीतिक उपलब्धियां
- भविष्य की रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और उद्देश्य {#operation-background}
ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी कूटनीतिक पहल है जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है। यह अभियान विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद और आतंकी संगठनों के वित्तपोषण के मुद्दे पर केंद्रित है। इस मिशन के तहत भारतीय सांसदों ने विश्व के प्रमुख देशों का दौरा किया।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत तब हुई जब भारत ने महसूस किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह पहल G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत की सफलता से प्रेरित थी।
इस मिशन में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सांसदों को विशेष ब्रीफिंग दी गई थी जिसमें आतंकवाद से संबंधित तथ्य, आंकड़े और भारत की चिंताओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की रणनीति शामिल थी।
59 सांसदों के डेलिगेशन का गठन {#delegation-formation}
सांसदों का चयन प्रक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के लिए 59 सांसदों का चयन एक सुविचारित प्रक्रिया के तहत किया गया:
चयन मापदंड:
- विदेश नीति में अनुभव
- भाषाई कौशल (अंग्रेजी/अन्य विदेशी भाषाएं)
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व क्षमता
- पार्टी प्रतिनिधित्व संतुलन
- क्षेत्रीय विविधता
डेलिगेशन की संरचना
ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सांसदों का विवरण:
पार्टी | सांसद संख्या | प्रतिशत |
---|---|---|
BJP | 28 | 47.5% |
कांग्रेस | 12 | 20.3% |
क्षेत्रीय दल | 15 | 25.4% |
अन्य | 4 | 6.8% |
सदन-वार वितरण:
- लोकसभा सदस्य: 42
- राज्यसभा सदस्य: 17
33 देशों की यात्रा का विवरण {#countries-visited}
महाद्वीप-वार वितरण
ऑपरेशन सिंदूर के तहत कवर किए गए देश:
यूरोप (12 देश):
- यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी
- इटली, स्पेन, नीदरलैंड
- स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, स्वीडन
- नॉर्वे, डेनमार्क, पोलैंड
एशिया (8 देश):
- जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर
- मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड
- वियतनाम, फिलीपींस
मध्य पूर्व (5 देश):
- UAE, सऊदी अरब, इज़राइल
- कतर, ओमान
अमेरिका (5 देश):
- संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा
- ब्राजील, मेक्सिको, अर्जेंटीना
अफ्रीका (3 देश):
- दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, केन्या
प्रमुख बैठकें और संपर्क
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महत्वपूर्ण मुलाकातें:
- 45+ विदेश मंत्री
- 80+ सांसद/सीनेटर
- 25+ थिंक टैंक
- 30+ मीडिया संस्थान
- 20+ विश्वविद्यालय
संसदीय कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कुल 250+ उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित की गईं।
आतंकवाद पर वैश्विक रुख {#global-stance}
देशों की प्रतिक्रिया विश्लेषण
ऑपरेशन सिंदूर से प्राप्त मुख्य निष्कर्ष:
सकारात्मक समर्थन (22 देश):
- आतंकवाद की स्पष्ट निंदा
- सीमा पार आतंकवाद पर चिंता
- आतंकी फंडिंग रोकने पर सहमति
- FATF मानदंडों का समर्थन
सशर्त समर्थन (8 देश):
- द्विपक्षीय मुद्दे का हवाला
- क्षेत्रीय संतुलन की बात
- संवाद पर जोर
तटस्थ रुख (3 देश):
- आंतरिक मामला बताया
- कोई स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं
प्रमुख सहमति बिंदु
ऑपरेशन सिंदूर की सफलताएं:
- आतंकी संगठनों की वैश्विक सूची
- फंडिंग चैनल्स पर कार्रवाई
- साइबर आतंकवाद पर सहयोग
- खुफिया जानकारी साझाकरण
- संयुक्त राष्ट्र में समर्थन
PM से मुलाकात का एजेंडा {#pm-meeting-agenda}
प्रस्तुति की रूपरेखा
ऑपरेशन सिंदूर की रिपोर्ट प्रस्तुति:
मुख्य एजेंडा बिंदु:
- देश-वार विश्लेषण – प्रत्येक देश का विस्तृत रुख
- क्षेत्रीय पैटर्न – महाद्वीप-वार समझ
- द्विपक्षीय अवसर – सहयोग की संभावनाएं
- चुनौतियां – विरोध के क्षेत्र
- सिफारिशें – आगे की रणनीति
- तत्काल कार्य योजना – प्राथमिकताएं
- दीर्घकालिक दृष्टिकोण – 5 वर्षीय योजना
डेटा प्रस्तुतीकरण
ऑपरेशन सिंदूर के निष्कर्ष:
पैरामीटर | आंकड़े | प्रभाव |
---|---|---|
समर्थक देश | 22 | 66.7% |
न्यूट्रल देश | 8 | 24.2% |
विरोधी | 3 | 9.1% |
MoU संभावना | 15 | 45.5% |
UN वोट समर्थन | 25+ | 75.8% |
कूटनीतिक उपलब्धियां {#diplomatic-achievements}
तत्काल परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख सफलताएं:
द्विपक्षीय समझौते:
- 8 देशों के साथ आतंकवाद-रोधी MoU
- 12 देशों के साथ खुफिया साझाकरण
- 6 देशों के साथ संयुक्त अभ्यास
- 10 देशों के साथ साइबर सुरक्षा सहयोग
बहुपक्षीय मंच:
- UN में भारत के प्रस्ताव को समर्थन
- G20 में आतंकवाद-रोधी कार्य समूह
- BRICS में विशेष तंत्र
- SCO में सहयोग वृद्धि
मीडिया कवरेज
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया विश्लेषण के अनुसार:
- 150+ प्रमुख अखबारों में कवरेज
- 50+ TV चैनल्स पर चर्चा
- 200+ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उल्लेख
- सोशल मीडिया पर 5M+ इंप्रेशन
भविष्य की रणनीति {#future-strategy}
अनुवर्ती कार्य योजना
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीति:
तत्काल कदम (3 महीने):
- समर्थक देशों के साथ MoU
- संयुक्त कार्य समूह गठन
- तकनीकी सहयोग शुरुआत
- मीडिया अभियान जारी
मध्यम अवधि (6-12 महीने):
- बहुपक्षीय मंचों पर प्रस्ताव
- क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजन
- संसदीय मंच स्थापना
- वार्षिक समीक्षा तंत्र
दीर्घकालिक (1-3 वर्ष):
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद संधि
- वैश्विक निगरानी तंत्र
- संयुक्त प्रशिक्षण केंद्र
- तकनीकी साझेदारी विस्तार
संसदीय कूटनीति का भविष्य
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से प्रेरित:
- वार्षिक संसदीय प्रतिनिधिमंडल
- विषय-आधारित मिशन
- युवा सांसद कार्यक्रम
- डिजिटल कूटनीति पहल
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने संसदीय कूटनीति का नया अध्याय खोला है। यह पहल न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने में सफल रही बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर को भी मजबूत किया है।